कानपुर। कानपुर नगर व कानपुर देहात ले लगभग पचपन सौ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी भारतीय दलित पैंथर संस्था ने दोपहर परेड स्थित शिक्षक पार्क में एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया। सभा का मक़सद उन मृत लावारिस शवों की आत्मा की शान्ति था जिसमे नगर के गणमान्य लोगों के साथ विभिन्न धर्मों के मानने वाले धर्मगुरु शरीक हुए।सभा में मोमबत्तियां जला कर सभी मृत आत्माओं की शान्ति के लिए प्राथना की गयी। इस अवसर पर दलित पैंथर के अध्यक्ष धनि राव बौद्ध ने कहा कि कुछ साल पहले लावारिस लाशों को पोस्टमॉर्टेम के बाद बड़ी बेदर्दी के साथ गंंगा के पुल से नदी में फ़ेंक दिया जाता था जिन्हे आवारा कुत्ते और चील कौव्वे अपना निवाला बना कर उनकी बेहुरमती करते थे।पैंथर ने कहा कि वर्ष २००९ में लखनऊ से लौटते समय एक रिक्शे पर लदी चार लाशों को गंगा में फेंकते देख आत्मग्लानि हुई और निश्चय किया कि अब इन लावारिस लाशों का इज़्ज़त के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा और तभी से वे अपने साथियों के साथ कानपुर नगर और कानपुर देहात ज़िले के सभी लावारिस शवों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करते चले आरहे हैं। कहा कि कुछ लाशे तो इतनी विभत्स्य होती हैं कि उन्हे देखकर आम आदमी का कलेजा दहल जाए बावजूद इसके इनकी संस्था इस नेक कार्य को अंजाम देती चली आ रही है।
