कानपुर। ग्रीन पार्क में आईपीएल मैच कराने की राह में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ग्राउंड पर गिरने वाली फ्लड लाइटों की रोशनी बांउड्री के बाहर नहीं पहुंच पा रही है। वहीं इस रोशनी में बीसीसीआई के कैमरों में रिकॉर्ड होने वाली रोशनी में भी 10 फीसदी का अंतर आ रहा है। स्टेडियम के साथ-साथ बीसीसीआई अब इस समस्या का हल निकालने में जुटा है और लगातार काम छेड़े हुए है। वर्तमान में इस समस्या को दूर करने के लिए एक साथ 12 लोग फ्लड लाइट्स टावरों पर काम कर रहे हैं।
ग्रीन पार्क में लगे फ्लड लाइटों के चार टावरों में टावर नंबर-2 के नीचे डायरेक्ट्रेट पवेलियन की शेड पड़ी हुई है। पवेलियन शेड के आने से बाउंड्री के अंदर की ओर रोशनी बीसीसीआई मानकों के अनुसार नहीं पहुंच रही है। जबकि रोशनी को लेकर बीते दो महीने से चल रही कसरत के बाद भी ग्राउंड के हर हिस्से पर औसतन 2400 लक्स रोशनी पहुंच रही है। यह समस्या ऐसी है कि मैच के दौरान टीवी ब्रॉडकास्ट के समय कम रोशनी होने पर चैके-छक्के के रीप्ले में थर्ड अंपायर और कैमरामैन को मुश्किलें आ सकती हैं। इसके लिए टावरों पर लगे बल्बों की शार्प फोकस की जा रही है। जिसके लिए पिछले 2-3 दिन से लगातार कड़ी मशक्कत के साथ काम जारी है।
यूपीसीए के डायरेक्टर का कहना
इस संबंध में यूपीसीए डायरेक्टर प्रेमधर पाठक का कहना है कि इस छोटी समस्या को दूर होने में वक्त नहीं लगेगा। रात 2-2 बजे तक टेक्निकल टीमें काम कर रही है। उन्होंने कहा कि समस्या 100 फीसदी दूर हो जाएगी। जानकारों के मुताबिक सन् 2000 में ग्रीन पार्क स्टेडियम में फ्लड लाइट टावरों में कई तकनीकी खामियां हैं।
यह मैच हैं प्रस्तावित
ग्रीन पार्क स्टेडियम में पहला मुकाबला 19 मई को सुरेश रैना की गुजरात लायंस और कोलकत्ता नाईट के बीच होना है। वहीं दूसरा मुकाबला 21 मई को गुजरात लायंस और मुंबई इंडियंस के बीच होना है। इन मैच को लेकर ग्रीन पार्क में तैयारियों का दौर जारी है। समय से पहले पूरी तैयारी हो जाने का अधिकारी दम भर रहे हंै।