20-07-2013,मेरठ : चिकित्सा के क्षेत्र में संवेदनाओं का कत्ल अब आम होता जा रहा है। जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के बाहर शुक्रवार को तड़पता मरीज लकवाग्रस्त हो गया, किंतु उसे चिकित्सा नसीब नहीं हुई। जिला अस्पताल ने मामले पर पल्ला झाड़ते हुए एंबुलेंस देने से मना कर दिया। सरकारी चिकित्सा की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई। काफी देर तक आने जाने वाले भी उस मरीज की तड़पते देखते रहे। बिसोल निवासी सुबे सिंह की लंबे समय से तबीयत खराब थी। दोपहर उसे जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर किया गया, किंतु जिला अस्पताल से कोई सहायता नहीं मिली। इमरजेंसी वार्ड के बाहर घंटों तड़पते मरीज को लकवा मार गया, किंतु उसे स्ट्रेचर से वार्ड में भी नहीं दाखिल किया गया। उसे मेडिकल में रेफर करते वक्त एंबुलेंस भी उपलब्ध नही कराई गयी। सीएमएस डा. रामेन्द्र सिंह का कहना है कि रेफर किए गए मरीज को 108 नंबर की एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के नियम अलग है। इस मामले में मरीज को मेडिकल में रेफर करने के लिए मंडलीय अफसरों की अनुमति जरूरी है, फिर भी इस मरीज को किसी तरह अपने स्तर से मेडिकल भेजा गया है। मेडिकल अस्पताल वार्ड में इस मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है। Report :- Sanjay Thakur
