कानपुर। शासन ने कानपुर को हर स्तर पर वरीयता में रखा है ताकि इसको स्मार्ट सिटी बनाया जा सकें। इसके मद्देनजर नगर में आवारा घूमने वाले पशुओं दूध बेचने वाले जो चट्टे लगाते हैं को नियत स्थानों पर ही रखा जाये। चट्टों के लिए शहर से बाहर केडीए ने 192 चट्टा मालिकों को प्लाट दिये गए हैं। जिसमें 139 प्लाटों की रजिस्ट्री भी हो गई है पर एक भी चट्टा मालिक वहां नहीं पहुँचा। इस प्रतिक्रिया को भी आठ वर्ष हो गये है। इसको अमल में लाया जाए और केडीए सभी एलाटी को नोटिस दंे कि वह जल्दी से जल्दी प्लाटों पर पहुंचे। चट्टा समस्या शहर की बड़ी समस्या है। इसके साथ ही केडीए शहर के चारों तरफ चट्टों के लिए प्लाट तैयार करें जहां पर सीवर पानी एवं रोड बिजली आदि की सुविधा उपलब्ध हो।
यह आदेश मण्डलायुक्त मो. इफ्तेखारुद्दीन ने अपने शिविर कार्यालय में आयोजित कानपुर नगर में अनाधिकृत रूप से संचालित चट्टों को हटाये जाने के संबंध में आयोजित बैठक में दिये। बैठक में नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि 992 चट्टे उनके यहाँ पंजीकृत है जिन्हें समय-समय पर आदेशों के उलंघन करने पर लगभग 900 चट्टों के मालिकों के चालान भी किये गए है। इस पर मण्डलायुक्त ने निर्देशित किया कि नियमों को उलंघन करने पर और चालान किये जाये तथा जो पशु आवारा घूमते मिले या अनाधिकृत रूप से सार्वजनिक स्थानों पर बंधे मिले उनको भी नगर निगम कांजी हाउस में रखे। मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुये नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि तुम्हें सड़कों पर आवारा पशु घूमते नहीं दिखाई देते है टीमें बनाये आवारा जानवरों को पकड़ेे और उन्हें कांजी हाउस पहुंचाये।
मण्डलायुक्त ने केडीए को निर्देशित किया कि जो प्लाट शहर से बाहर चट्टों के लिए विकसित किये जाये है उनका प्रस्ताव एक हफ्ते में उन्हें दंे तथा ग्राम समाज की जमीन लेकर योजना को अंतिम रूप दें। इस प्रकार केडीए को 600 प्लाट विकसित करने हैं। इसको देखते हुए एक माह के अंदर जमीन की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें, साथ ही वर्ष के अन्त तक पूरी योजना क्रियान्वित करें। इसके साथ ही केडीए के अधिकारियों को निर्देशित किया कि तीन सदस्यीय टीम का भी गठन किया जाये जो सभी प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगा कि कानपुर को स्मार्ट सिटी कैसे बनाया जाये।
बैठक में उपस्थित डीएम कौशल राज शर्मा ने केडीए को निर्देशित किया कि फ्री होल्ड प्लाट करने के कारण अब उनका दायित्व है कि चट्टों को 10 दिनों में शिफ्ट करें और आवश्यकता पड़ने पर नगर निगम के काजी हाउस में उनके जानवरों को पहुँचा दिया जाये।