कानपुर। जिला अस्पताल उर्सला में अभी तक वार्ड ब्याय सफाई कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही थी तो अब डाक्टरों की भी कमी देखने को मिल सकती है। जबकि शासन द्वारा डाक्टरों की अस्पताल में तैनाती नहीं की जा रही है। वहीं अस्पतालों में डाक्टरों की सेवानिवृत होने के बाद इस अस्पताल में कोई डाक्टर आने के लिए भी तैयार नहीं ।
बड़ा चैराहे के पास स्थित जिला चिकित्सालय अस्पताल में गुरुवार को कार्यवाहक डायरेक्टर डा. मान सिंह व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. एस.के. सिंह का रिटायरमंेट हो गया है। जहां बालरोग डाक्टरों के न होने पर बच्चों के इलाज में संकट गहरा रहा है तो वहीं एक ही चर्मरोग डाक्टर के होने से एक सप्ताह में तकरीबन चार सौ मरीजों को ही इलाज दिया जा रहा है। उनके न रहने पर मरीज इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर लगाता रहता है और उसे इलाज नहीं मिल पाता। सीएमएस डा. एस.के. सिंह का कहना है कि जीओं के हिसाब से अस्पताल में 72 डाक्टरों के पद की स्वीकृति हैं। लेकिन अस्पताल में इस समय तकरीबन 43 ही डाक्टर तैनात हैं। इनमें भी कुछ डाक्टर पारिवारिक समस्याओं से अवकाश पर रहते है, तो कुछ वीआइपी डयूटी में वहीं अन्य डाक्टर पोस्टमार्टम के साथ कई अन्य विजीट पर भी जाना पड़ता है। ऐसे में जो डाक्टर्स बचते है, उनसे ही जिला अस्पताल की ओपीडी चलायी जा रही है। इस अस्पताल में रोजना एक हजार मरीज आते है। जिनमें कुछ मरीजों को उनके मर्ज़ का डाक्टर नहीं मिल पाता है तो वह इलाज के अभाव में वापस चले जाते है। उनके मुताबिक सरकार अस्पताल में डाक्टरों की तैनाती भी कर रही है लेकिन अखबारों की अधिक सुर्खियों में जिला अस्पताल बने रहने के कारण यहां पर कोई भी चिकित्सक आने को तैयार नहीं हो रहा है।