नई दिल्ली- राजेश मिश्र- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने युवाओं में संघ के प्रति बढ़ते रूझान को देखते हुए अपनी परम्परागत पोशाक में परिवर्तन करने का मन बनाया है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मार्च 2016 के बाद संघ की शाखाओं में शामिल होने वाले गणवेशी सफेद रंग की टी शर्ट व काली रंग की पैंटों में नजर आएगे। पिछले दिनोें रांची में आयोजित संघ की कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत व सर कार्यवाह भइया जी जोशी की मौजूदगी में संघ प्रचारकों ने इस ओर उनका ध्यान आकृर्षित कराया। जिस पर संघ के शीर्ष नेतृत्व में अपनी मूक सहमती देते हुए कहा कि इस पर अंतिम निर्णय मार्च 2016 में नागपुर स्थित मुख्यालय में होने वाली कार्यकारी मंडल की बैठक में लिया जाएगा। सन 1925 में गठित हुई संघ की पहली वेशभूषा खाकी शर्ट व पैंट थी। जिसे सन 1940 के बाद खाकी पैंट व सफेद शर्ट के रूप में तबदील कर दिया गया था। सन 1973 में संघ ने लेदर बूट की जगह लाॅग बूट की अनिवार्यता लागू कर दी थी। पोशाक के परिवर्तन के साथ ही लेदर बेल्ट की जगह रेक्सीन की बेल्ट अनिवार्य कर दी गई थी। कार्यकारी मंडल की बैठक में इस सन्दर्भ में दो कलर सुझाव के रूप में आए जिनमें नेवी ब्लू व ग्रे कलर की पोशाक भी शामिल है। हालांकि अभी इसपर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है लेकिन इतना तय है कि अगले साल संघ जब अपना 91वां स्थापना दिवस मनाएगा तो उनके गणवेशों की परम्परागत पोशाक बदली नजर आएगी। वहीं संघ के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि कुछ लोग इस परिवर्तन के पक्ष में नहीं है लेकिन अधिकांश लोग इस बात पर अपनी राय सार्वजनिक कर चुके है।
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