Abu obaida .snn लखनऊ .सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा प्रदेश सरकार के कबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया के खिलाफ ह्त्या की साज़िश का मुक़दमा दर्ज कराये जाने के निर्देश दिए जाने के बाद प्रदेश सरकार के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है.मुक़दमे में राजा भैया के अलावा एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह सहित तेरह अन्य लोग भी शामिल हैं .पिछले विधान सभा चुनाव के बाद कुंडा सीओ ज़िआउल हक की ह्त्या के मामले में राजा भैया नाम आने पर उन्हें मंत्रीमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था जिसे लेकर अखिलेश सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी. सीबीआई कोर्ट के आदेश पर अगर अमल किया गया तो अड़तालीस वर्षीय राजा भैया पर यह उनके जीवन का अड़तालीसवा मुकदमा होगा.२६ वर्ष की आयु में पहली बार विधायक बन कर विधान सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले राजा भैया अब तक पांच बार विधायक बन चुके हैं और कल्याण सिंह सहित राम प्रकाश गुप्ता मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री पद का दायित्व भी संभाल चुके हैं .सन २००२ में प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती से पंगा लेना उन्हें इतना भारी पड़ा की उनके भाई एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह सहित राजा भिया के पिता रजा भदरी को न सिर्फ जेल की सीखचों के पीछे रहना पड़ा बल्कि उनके खिलाफ पोटा मामले में कार्यवाही भी की गयी .हालाँकि बसपा सरकार के जाते ही राजा भैया उनके पिता व भाई को जेल से रिहा कर दिया गया और मुलायम सरकार में एक बार फिर से उन्हें मंत्रीमंडल में न सिर्फ शामिल किया बल्कि उनके विरुद्ध दाखिल मुक़दमे भी वापस ले लिए थे.लेकिन इस बार २ मार्च २०१३ में हुई सुरेश यादव की ह्त्या की साज़िश में शामिल होने का मामला सीबीआई कोर्ट के सामने आने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से राजा भिया के ऊपर ह्त्या की साज़िश का मुक़दमा चलाये जाने की संस्तुति के बाद अब एक बार फिर से उनके राजनैतिक जीवन पर ग्रहण लगने के आसार दिखाई देने लगे हैं जिसे लेकर अखिलेश सरकार व राजा भिया के समर्थक खासे चिंतित हैं .सीबीआई कोर्ट के निर्णय के बाद सरकार की पहल क्या होगी इसबात की चर्चा राजनीति के गलियारों में इन दिनों परवान चढ़ी है . इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव का कहना है सरकार न्यायालय के आदेश का पालन कराये गी.