
कानपुर जोन के आईजी जकी अहमद ने कहा कि पुलिस अपनी बोलचाल की भाषा में परिवर्तन लाएं और लोगों से मित्रवत व्यवहार करें। आम जन के साथ अपराधी जैसे बर्ताव से परहेज करें इससे विभाग की छवि खराब होती हैै। लोगों को ऐसा लगे कि यह विभाग मद्द करने वाला संगठन हैै। उन्होंने कहा पुलिस के जवान विभाग के लिए रीढ़ की हड्डी है। इनका नाता सीधे आम जनता से होता हैै जैसा आप लोग व्यवहार करोगे वैसे ही नज़र से जनता विभाग को देखेगी। डीआईजी नीलाब्जा चैधरी ने कहा कि यह सच है कि पुलिस के जवानों पर अत्यधिक दबाव रहता है जिससे झल्लाहट पैदा हो जाती है। लेकिन इससे समाज में पुलिस का गलत असर जाता हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों पर सख्ती करने में परहेज न करें लेकिन पीड़ित लोगों से सहानुभूति जरूर रखें। एसएसपी शलभ माथुर ने कहा कि जब कोई भी पीड़ित पुलिस स्टेशन आता है तो उसकी विभाग से बड़ी अपेक्षाएं होेती है औैर पुलिस को उन अपेेक्षाओं में खरा उतरना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि हर खबर में पुलिस का नकारात्मक चेहरा दिखाने से परहेज करें। ऐसा नहीं हैै कि हर जगह पुलिस ही गलती करती है यह विभाग जटिलताओं से भरा हुआ है। हिन्दुस्तान अखबार के संपादक मनोज पमार ने कहा कि मीडिया अपना काम स्वतंत्र रूप से कर रही है और अपनी जिम्मेदारियों का उन्हे अहसास है। पद्म श्री गिरिराज किशोर ने कहा कि धुंआ वहीं उठता है जहां पर आग लगी होती है ऐसे में मीडिया पर ठीकरा फोड़ना उचित नहीं है। गिरराज किशोर ने कहा कि किसी भी पीड़ित को पुलिस से वही अपेक्षाएं होती है जो ईश्वर से होती हैै। ऐसे में पुलिस को बिना किसी भेदभाव के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन कि प्रधानाचार्य डा. अंगद सिंह ने कहा कि पुलिस की छवि तभी सुधरेगी जब पीड़ित को हर संभव सहायता दी जाएगी। डा. अवध दुबे ने कहा कि पुलिस की भाषा जब तक संयमित नहीं होगी विभाग की छवि में सुधार नहीं हो सकता। एस.के. शुक्ला ने कहा कि ऐेसा नहीं है कि विभाग में काबिल व्यक्ति नहीं है लेकिन कुछ लोगों की वजह से पूरे विभाग की छवि खराब होती है।
नवनियुक्त आरक्षियों को मर्यादा का पढ़ाया गया पाठ
कार्यशाला में नवनियुक्त महिला आरक्षियों से कहा गया है कि आप विभाग के अंग होने जा रहे हैं। ऐसे में आपकी भी जिम्मेदारी बनती है कि मर्यादा में रहकर ही कार्य करें। एसएसपी ने कहा कि मैं देख रहा हॅंू कि आप लोगों के पास टेक्निकल डिग्रियां हैे। जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी लेकिन अब उम्मीद की जा सकती है कि तकनीकी क्षेत्र में भी विभाग सक्षम होगा।