कानपुर के वॉटर सप्लाई सिस्टम में असामाजिक तत्व कभी भी सेंध लगा सकते हैं , यह चौंकाने खुलासा अनायास ही एक राजनैतिक पार्टी की प्रचार सामग्री ने कर दिया है। गड़बड़ी संज्ञान में लाये जाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी सकते में हैं। यूँ तो कानपुर जल कल विभाग ने इसका निर्माण शहर वासियों को पेयजल आपूर्ति के लिए किया था लेकिन इसके चारों ओर बसपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा ने अपना प्रचार करने के लिए वॉल पेन्टिंग करा दी जिससे कि उनका नाम दूर से भी पढ़ा जा सके। अब भले ही नेता जी अपने इस कृत्य पर इतराते घूम रहे हों और देखने सुनने में यह एक आम बात लगे लेकिन इस प्रचार सामग्री ने एक सवाल भी खड़ा कर दिया है। अगर नेता जी का पेन्टर पानी की टंकी पर चढ़ कर अपनी कूची चला सकता है तो कोई असामाजिक संगठन का कार्यकर्ता या आंतकी वहाँ चढ़कर पेय जल में जहर मिला सकता है जिससे लोगो के जीवन को ख़तरा पैदा हो सकता है ।
मिलेट्री कैम्प रेलवे कालोनी में बनी पानी के टंकियों पर किये गए प्रचार के बाबत जब ;लोगो से बात की गयी तो उन्होंने साफ़ साफ़ कहा कि यह गलत है इस तरह तो कोई भी टंकी में कुछ भी मिला सकता है जिससे हमारे परिवार को जान का नुकसान हो सकता है ।वंही दो सालो से टंकी पर तैनात राम शंकर से इस बाबत बात की तो उनका कहना था कि क्षेत्रीय लोगो ने करवा दिया था । यहाँ पर कोई भी सुरक्षा के इंतजामात नहीं है कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनता नहीं है । इस तरह से तो कोई भी टंकी पर चढ़कर कुछ भी मिला सकता है । बसपा के दिलीप वर्मा जी है जिन्होंने यह लिखवाया है हमने उनसे कहा कि सर टंकी पर लिखना मना है तो उन्होंने कहा की इसको पुतवा दिया जाएगा । दरअसल पेय जल आपूर्ति के स्त्रोत आम जनता के लिए निषिद्ध क्षेत्र माने जाते हैं। वाटर वर्क्स के जलाशय तक कोई फटक भी नहीं सकता और पानी की टंकियों की सीढ़ियों पर जालीदार गेट लगाकर ताला लटका दिया जाता हैं जिससे पानी की टंकी पर कोई न चढ़े इसकी जिम्मेदारी पम्प ऑपरेटर की होती है । परमपुरवा इलाके में पांच सौ परिवारों को पानी की आपूर्ति करने वाली टंकियों की सुरक्षा में जिस तरह सेंध लगाई गयी उस लापरवाही को नगर आयुक्त ने स्वीकार कर लिया है और मामले पर कार्यवाही की बात कह रहे है ।
report .saurabh misra
