कानपुर। बेकनगंज के यतीमखाना चौराहा स्थित मस्जिद नानपारा में पिछले २८ सालों से लोगों को नमाज़ पढ़ा रहे बुज़ुर्ग इमाम मौलाना मेराज अशरफी को शिव सेना के मुखयपत्र सामना के कथित यूपी ब्यूरो चीफ गुफरान नक़वी द्वारा ब्लैकमेल करने से लोगों का गुसा बढ़ता जारहा है।इमाम साहब के पीछे नमाज़ पढ़ने वाले सैकड़ों नमाज़ियों ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सुन्नी उल्मा कौंसिल के बैनर तले एसएसपी शलभ माथुर को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि खुद को सामना का पत्रकार बताने वाले गुफरान नक़वी ने मौलाना मेराज अशरफी पर अनर्गल आरोप लगाए है जिसमे अपनी पत्नी से छेड़छाड़ व दो लख की उगाही शामिल है। गौर तलब है कि मौलाना बुज़ुर्ग हैं और २८ सालों से मस्जिद नानपारा के इमाम हैं आजकल वह आंशिक रूप से पैरालाइसिस अटैक का शिकार भी हैं।एसएसपी ने मौलाना अशरफी और सुन्नी उल्मा काउन्सिल को निष्पक्ष जाँच का भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह इस मामले को गम्भीरता से ले रहे हैं और जल्द ही जांच पूरी कर किसी निर्णय पर पहुंचेंगे। किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी।
पाठकों को बतादें कि सोमवार को शबे बरात के मौके पर इसी मामले के विरोध में नमाज़ियों ने दो घंटे तक यतीम खाना चौराहे पर जाम लगा कर कथित पत्रकार को गिरफ्तार करने की मांग की थी और ऐसा न करने पर आगे आंदोलन की चेतावनी भी दी थी पुलिस और क्षेत्र के सम्भ्रान्त लोगों ने उस दिन मामले को किसी तरह सम्भाल लिया था और प्रदर्शन कारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया था। अब रमज़ान का महीना शुरू होने में एक सप्ताह का ही समय बचा है ऐसे में यदि इमाम साहब के विरुद्ध कोई अनुचित कार्रवाई हुई या आरोप लगाने वाले के खिलाफ जांच कर निष्कर्ष नहीं निकला तो पुलिस के लिये स्थिति सम्भालना मुश्किल हो सकता है। क्षेत्र के लोग और पुलिस यह भी जानती है कि खुद को सामना का पत्रकार बताने वाला कई जगहों से धन उगाही में जेल जाचुका है।