कानपुर-snn सेंट्रल स्टेशन के आस पास आबादी वाले इलाकों से खदेड़े गए बंदरों ने अब प्लेटफार्म नंबर एक को अपनी आरामगाह बना लिया है। सबसे खास बात यह है कि बंदरों ने इसके लिए एक नंबर प्लेटफार्म को ही सबसे माकूल जगह समझी है और वह झुंडों में घूम घूम कर प्लेटफार्म पर आने जाने वाले यात्रियों को घेर कर उनके खाने पीने के सामान को छीनने में देरी नहीं लगाते है। बंदरों की अराजकता का आलम यह है कि अब प्लेटफार्म के दुकानदार भी इनसे सतर्क होकर खानपान की चीजों को बंद अल्मारियों में रखकर बेचने को मजबूर है। लेकिन शायद अभी तक रेल प्रशासन की निगाह बंदरों की इस हरकत की ओर नहीं गई है और वह खुलेआम घूम घूम कर यात्रियों में न सिर्फ दहशत फैलाने का काम कर रहे है बल्कि अब तक कई लोगों पर हमला कर अपना निशाना चुके है। यात्रियों कहना है कि देश में पांचवें नंबर के सेंट्रल स्टेशनों में अपनी पहचान रखने वाले कानपुर सेंट्रल पर बंदरों के इस आंतक से निजात दिलाने के लिए अभी तक रेल प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। जिसके चलते बंदरों की मनमानी और अधिक बढ़ गई है। जबकि अधिकांश वीआईपी गाडि़या इसी प्लेटफार्म पर ठहरती है।