09-07-2013 मेरठ। नगर निगम में स्क्रैप घोटाले को लेकर हड़कंप मचा रहा। जल विभाग के कर्मचारी स्क्रैप से संबंधित आंकड़े जुटाते रहे। पिछले सालों की स्क्रैप के बारे में भी जानकारी लेने के लिए फाइलों को खंगाला गया। हालांकि अधिकांश मामलों में रिकॉर्ड रखा ही नहीं गया है। वहीं नगर निगम में स्क्रैप घोटाले में अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस बारे में जल प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि तीन दिन में उचित जवाब न मिलने पर शासन को लिखा जाएगा। इसके बाद निलंबन की संस्तुति भी की जा सकती है। वहीं मेयर ने भी इस मामले में जवाब मांगा है।
उप नगरायुक्त वीरेंद्र शुक्ला ने जल प्रभारी को भेजे गए नोटिस में कहा है कि स्क्रैप से संबंधित सारी जानकारी निगम अधिकारियों को दी जाए। पूरे मामले में जवाब देने के लिए जल प्रभारी को तीन दिन का समय दिया गया है। अमर उजाला माय सिटी के सोमवार के अंक में घोटाले से संबंधित खबर छपने के बाद कुछ अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में लीपापोती करने में भी लगे रहे। खबर में 2006 से अब तक के स्क्रैप का कोई रिकॉर्ड न होने संबंधी मामले को प्रमुखता से उठाया गया था। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद यह सामने आया कि मामले में कई स्तर पर गड़बड़ झाला है। वहीं मेयर हरिकांत आहलूवालिया का कहना है कि उन्होंने इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज मांगे हैं। शासन को भी इस संबंध में एक पत्र लिखा जाएगा। Report : Sanjay Thakur.
