लखनऊ. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के बीच रविवार को बसपा मुखिया मायावती ने केंद्र की एनडीए सरकार पर करार हमला बोला।नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भी योग की पक्षधर हैं, मगर बीजेपी योग दिवस के बहाने सांप्रदायिकता फैलाने का प्रयास कर रही है। भाजपा और उसके सहयोगी संगठन अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भय का माहौल पैदा कर रहे हैं । मोदी को लेकर व्यक्त की गई सभी आशंकाएं सच साबित होती जा रही हैं।याकि कारण है की दुनियाभर में देश की प्रतिष्ठा को आघात लगा है।लखनऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा कि मोदी सरकार लोकलुभावन वादों और प्रचार के दम पर सत्ता में आई, लेकिन लोगों को अब निराशा हाथ लग रही है। यूपीए और एनडीए सरकार में कोई फ़र्क़ नहीं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पूंजीपतियों की हितैषी और गरीबों, दलितों और पिछड़ों का शोषण करने वाली पार्टी है। मोदी के मंत्री घमंड में चूर हैं और जनता की आवाज नहीं सुनते। कहा की यह सरकार किसानों, दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों में से विशेषकर ईसाई और मुस्लिम समाज के लोगों के लिए ‘बुरे दिन’ लाने वाली रही है। मोदी सरकार की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर होने की वजह से मोदी मैजिक का बुलबुला तेजी से समाप्त हो रहा है।
बीमा पॉलिसी है लूट का तरीका
मायावती ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अति गरीबों, बेरोजगारों और अन्य जरूरतमंदों को तत्काल सहायता और राहत देने के बजाय जनधन योजना, बीमा पॉलिसी और पेंशन योजना आदि के माध्यम से उनका पैसा लेकर अमीर धन्नासेठों को देने का काम किया है। उन्हों ने कहा की मोदी सरकार गरीबों को बुढ़ापे और मरने के बाद के हसीन सपने दिखा रही है। सरकार के सौ स्मार्ट सिटी योजनाओं पर हमला करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी में अरबों-खरबों रुपया खर्च करने बजाय गरीब लोगों के लिए दो-दो कमरों के मकान वाली लाखों कॉलोनियां देशभर में बनाई जाती तो आम जनता को ज्यादा और सीधा फायदा होता।