abu obaida. snn. (chief editor)अगर आप पुलिस की डायल १०० कारें ,लाल नीली बत्ती लगी रेंजर्स मोटर साइकलों से लुटेरों और बदमाशों को पकड़ने की अपेक्षा रखते हैं तो तो ग़लत फहमी दूर कर लें।खुदानाख़स्ता आप लुट जाएँ तो १०० नंबर पर डायल कर तुरंत कार्रवाई की उम्मीद न करें ,अगर हिम्मत हो तो लुटेरों का पीछा खुद करें या फिर आराम से थाने जा कर जिद्दोजहद कर रिपोर्ट लिखवाने की कोशिश करें या फिर घर बैठ जाएँ क्यूंकि अपराध पर त्वरित लगाम लगाने के मक़सद से शहर भर के थानो को दी गयीं इन गाड़ियों में सवार पुलिस कर्मी केवल ट्रकों और ट्रैक्टरों का पीछा कर वसूली का काम जानते हैं। अगर आप को याद पड़ता हो की कभी इन गाड़ियों द्वारा किसी मुजरिम का पीछा करते हुए गिरफ्तारी की खबर अखबारों और टीवी में पढ़ी देखि होतो मुझे बताएं क्यों की मुझे तो याद नहीं पड़ता हाँ ट्रकों के आगे डायल १०० की गाडी लगा कर वसूली करते ज़रूर देखा है। अब आप कल रात ही हुए ताज़ा पचास हज़ार की लूट का मामला देख लें ,रात साढ़े आठ बजे एक व्यापारी को दो बदमाशों ने सरे राह तमंचे के बल पर लूट लिया और फरार हो गए व्यापारी ने तुरंत १०० नंबर पर कंट्रोल रूम को फोन पर जानकारी दी की ग्वालटोली मक़बरे के पास पैशन मोटर साइकल सवार दो बदमाशों ने मेरे पचास हज़ार रूपये लूट लिए हैं और रेव थ्री की ओर भागे हैं ,इतना ही नहीं लुटे व्यापारी ने कंट्रोल रूम को बाक़ायदा लुटेरों का हुलिया बताया जिसमे कहा गया की बाइक चला रहा व्यक्ति काला हेलमेट लगाये है जब की पीछे बैठा बदमाश काले रंग की टी शर्ट पहने है सर पर काली कैप लगाए है और मुह पर सफ़ेद रुमाल बंधा है। लुटे व्यापारी को कंट्रोल रूम से आश्वासन मिला की तुरंत शहर भर में नाका बंदी करा कर इस हुलिये के लोगों को गिरफ्तार किया जाये गा। पीड़ित व्यापारी २० मिनट तक घटना स्थल पर खड़ा पुलिस का इंतज़ार ही करता रहा मगर कोई नहीं आया।घटना के दो घंटे बाद लुटेरों ने जब पुलिस लाइंस में खुद को पुलिस के हवाले किया तो अधिकारिओं के होश उड़ गए ,लुटेरों ने बताया की उन्हों ने व्यापारी से तमंचे के बल पर लूट की और आराम से रेव थ्री के सामने से गुज़रे तो वहां कोई चेकिंग नहीं हो रही थी फिर हम लोग आराम से बाइक चलाते हुए आर्य नगर चौकी होते हुए स्वरुप नगर थाने के सामने से निकले फिर भी किसी चेकिंग का सामना नहीं हुआ उसके बाद धीमी गति से नरेंद्र मोहन सेतु से उत्तर कर जे के मंदिर के सामने पहुंचे तो यहां रेंजर्स की गाड़ियां तो खड़ी थीं मगर किसी ने रोका नहीं आगे बढ़ने पर मरियमपुर चौराहे पहुंचे तो यहां सीओ नजीराबाद मौजूद थे मगर किसी भी प्रकार की चेकिंग नहीं हो रही थी ,लुटेरों ने आगे बताया की फज़ल गंज से होते हुए वापस काका देव के नीर क्षीर चौराहे पहुंचे जहाँ चौराहे पर दोनों तरफ भारी पुलिस बल मौजूद था मगर हमें किसी ने भी नहीं रोका फिर हम कल्याणपुर थाना क्षेत्र के नमक फैक्ट्री चौराहा पार करते हुए नवाब गंज के रास्ते पुलिस लाइन पहुंचे और एसपी कंट्रोल रूम को बताया की हम वही लुटेरे हैं जो व्यापारी से पचास हज़ार की लूट कर भागे थे।चेहरे पर सफ़ेद रूमाल बांधे लुटेरे ने खुद फोन कर के एसपी पूर्वी ,एसपी पक्षिमी और कई क्षेत्राधिकारियों व् थाने दारों को पुलिस लाइन बुला लिया। लुटेरों द्वारा खुद को पुलिस लाइन में आत्मसमर्पण पर सभी अधिकारी तुरंत पुलिस लाइंस पहुंचे। सभी अधिकारियों के सामने सर पर काली टोपी लगाए नक़ाब पोश ने चेहरे से रुमाल हटाया तो अधिकारियों के चेहरे सफ़ेद पड़ गए ,होते भी क्यों नहीं। … वो तो शलभ माथुर थे ””””’कानपुर के एसएसपी शलभ माथुर ””जिन्हों ने कानपुर पुलिस की सक्रियता परखने के लिए एक सिपाही से कंट्रोल रूम फ़ोन कर के पचास हज़ार की लूट की सूचना दी ,घर पर वायरलेस का इंतज़ार करते रहे २० मिनट तक जब लूट का सन्देश प्रसारित नहीं हुआ तो अपने पी आर ओ जितेश सिंह के साथ बाइक पर निकल पड़े ,आठ थाना क्षेत्रों से उसी हुलिये में गुज़रे जो लुटेरों का बताया गया था मगर आठों थानो से सम्बंधित किसी भी पुलिस कर्मी ने उन्हें रोकना तो दूर उनकी तरफ ठीक से देखा तक नहीं। इस पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरतने वाले एसपी कंटोल रूम सहित एसपी पक्षिम ,एसपी पूर्वी सम्बंधित सर्किल के सीओस व् छ थानेदारों को एसएसपी ने जम कर फटकार लगाई। एसएसपी शलभ माथुर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी कंट्रोल रूम व् छ थानेदारों की प्रारंभिक जाँच के आदेश दिए हैं वहीँ आठ रेंजर्स के सिपाहियों को लाइन हाज़िर कर दिया।
