कानपुर /snn उपश्रमायुक्त कार्यालय में चुनाव के उपरांत अपनी विजय को बताते हुये दो गुट आमने सामने आ गये जिसके बाद उपश्रमायुक्त व सहायक श्रमायुक्त द्वारा दोनों गुटों के लोगों को शांत कराया गया तथा आगामी 15 नवंबर की तिथि देते हुये कहा गया कि मामले की जांच कराकर कोई निर्णय लिया जायेगा।
भारतीय खाद्य निगम श्रमिक संघ जो कि पल्लेदारों की यूनियन है और इस यूनियन में तारिणी पासवान व सुरेश पासवान के दो गुट है। तारिाण्ी पासवान का कहना है कि उन्होने दिल्ली में यूनियन के चुनाव बीती अप्रैल 2015 को कराये थे, इन चुनाव को मिथ्या बताते हुये दूसरे गुट के सुरेश पासवान ने 10 लोगों के हलफनामों के साथ चुनाव फर्जी रूप से कराने का आरोप लगाया गया था। सुरेश पासवान ने कहा कि उनके द्वारा 9 अगस्त 2015 को चुनाव सम्पन्न कराये गये जिसकी सूची भी लगा दी गयी है। उस मामले को लेकर उपश्रमायुक्त एसपी शुक्ला के समक्ष एक बैठक के दौरान दोनों गुट आमने सामने आ गये और नौबत मारपीट तक आ गयी। मौके पर उपस्थित उपश्रमायुक्त एसपी शुक्ला, सहायक श्रमायुक्त राजीव सिंह व श्रम प्रवर्तन अधिकारी राजेन्द्र द्वारा किसी प्रकार दोनों गुटों के लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया। इसके उपरान्त श्रमायुक्त द्वारा आगामी 15 नवम्बर की तारीख सुनिश्चित करते हुये कहा गया कि मामले की वह अपने स्तर पर जांच करायेगे और उसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा। कहा कि यदि कोई फर्जी मामला सामने आता है तो सन् 2016 अप्रैल में पुनः चुनाव कराये जायेंगे।सुरेश पासवान ने बताया कि तारिणी पासवान ने फर्जीवाडा किया है, कोई चुनाव नही हुआ है। यह यूनियन पर कब्जा करने की साजिश है। बताया कि तारिणी पासवान ने अपनी ही पुत्री जो नाबालिग है उसे कोषाध्यक्ष बना दिया है जो कि नियमों का खुला उल्लघंन है। उन्होने चुनाव प्रक्रिया के सभी नियमों को भी उपश्रमायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया और फर्जी चुनावों को कौंसिल करने की मांग की।