कानपुर। आल इंडिया गरीब नवाज़ काउन्सिल की जानिब से गरीब नवाज़ सप्ताह के आखरी जलसे में काउन्सिल के जेनरल सेक्रेटरी मौलाना हाशिम अशरफी ने ख्वाजा अजमेरी की ज़िन्दगी के बारे मो लोगों को बताया। ख्वाजा साहेब की शिक्षाओं को बताते हुए मौलाना ने कहा कि ८४८ साल पहले जब ख्वाजा साहब हिन्दुस्तान तशरीफ़ लाये तो उस समय देश में भाई भाई को मार रहा था हर तरफ जिहालत और नफरत का बोल बाल था जिसे ख्वाजा साहब ने अपनी मेहनत और शिक्षा से उजाले में बदला। उनकी सेवा भाव से लोग ऐसे प्रभावित हुए की उन्ही के होकर रह गए। अजमेर से शुरू हुई उनकी प्यार और खिदमत की तालीम का सिलसिला धीरे धीरे पूरे हिन्दुस्तान में फैल गया और लोग एक दुसरे से प्यार करना सीख गए। मौलाना अशरफी ने ख्वाजा की शिक्षाओं पर अमल करने की दुआ की और युवाओं से कहा कि नफरत और दुश्मनी को खत्म करना सीखना है तो कखवाजा अजमेरी के बारे में पढ़ो जानो औे उसपर अमल करो। उन्हों ने कहा कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती र ० अल ० हिन्दुस्तान के लिए वाकई रेहमत बन कर आये और आज उनकी दरगाह से लाखों करोड़ों लोगों को फैज़ हासिल होता है। दरगाह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भाई चारे का पैग़ाम देती है जहाँ सारी दुनिया से ज़ायरीन आते हैं और प्यार का सन्देश लेकर वापस जाते हैं। जलसे के बाद देश और दुनिया में अमन के साथ भीषण गर्मी और सूखे से निजात की दुआ की गयी। जलसे के बाद मौलाना अशरफी ने बच्चों को बसते बांटे .
