कानपुर/महानगर की बेकाबू होती बिजली कटौती की समस्या कभी भी कानून व्यवस्था भी खलल पैदा कर सकती है/बावजूद इसके केस्को प्रशासन इस समस्या को नज़रंदाज़ किये हुए है शायद उसे किसी बड़ी घटना का इंतजार है /शहर की सत्तर लाख की आबादी इस समय इस गंभीर समस्या से रूबरू होकर न केस्को प्रशासन को जम कर कोस रही है बल्कि जनता के निशाने पर प्रदेश की अखिलेश सरकार भी है .महानगर् ने अनेक इलाकों में संकट का आलम यह है की आठ से लेकर २१ घंटे तक बिजली गुल रहने की वजह से लोग उबल रहे हैं/अनेक जगहों पर धरने प्रदर्शन किये जा रहे हैं लेकिन केस्को के अलावा जन प्रतिनिधि भी ऑंखें मूंदे बैठे हैं/जबकि समूचे प्रदेश में सब से ज्यादा राजस्व कानपुर से ही पावर कारपोरेशन को मिलता है /पूर्व में भी इस समस्या ने शहर की क़ानून व्यवस्था को कई बार ध्वस्त करने का काम किया है लेकिन शायद पिछले हादसों से प्रशासन अबतक कोई सबक नहीं सेख पाया है /आज भी नगर के कई फीडर व सब स्टेशन बुरी तरह ठप रहे और नागरिकों को भारी उमस में पसीने पसीने होना पड़ा .भीषण बिजली संकट के चलते घनी आबादी इलाकों की हालत तो और भी दयनीय बन चुकी है आखिर बिजली संकट का कारन क्या है इसके बारे में केस्को का कोई भी अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है और जनता को उसके हल पर छोड़ कर कागज़ी खाना पूरी में पूरी मशीनरी व्यस्त है .आज भी शहर के गंगा गंज,चमनगंज ,बाबू पुरवा,फूल बाग़ ,रतन पुर ,कौशलपुरी ,सर्वोदय नगर ,किदवई नगर सहित दर्जनों इलाकों में दस से लेकर १५ घंटे तक बिजली गायब रही .सब से ज्यादा बिजली की कमी गणेश महोत्सव के महानगर में चल रहे कार्यक्रमों में महसूस की जा रही है जहाँ पर शाम ढलते ही लाखों की भीड़ सैकड़ों पंडालों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होती है/