
जब ये दुआ आॅल इण्डिया गरीब नवाज कौन्सिल के ततवावधान में आयोजित अजीमुश्शान मरकजी कुल शरीफ कंघी मोहाल बड़ा इमाज चैक में आॅल इण्डिया गरीब नवाज कौन्सिल के महामंत्री हजरत मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी ने की तो लोगों की आंखो से आंसुओं की कतरे बह निकले। लोग हुजूरे कलबी के साथ दुआ में मशगूल थे। हाथों को उठाये थे और अल्लाह की तरफ रूजू थे और अपनी फरयादें कर रहे थे। मौलाना अशरफी ने जब ये दुआ करते हुये कहा कि या अल्लाह तआला ख्वाजा गरीब नवाज के सदके में मुल्क में खुशहाली तरक्की अमन व अमान पैदा फरमा। उस मरहले में लोग जज्बाती होकर कहने लगे या ख्वाजा या ख्वाजा, या ख्वाजा की हजारों हाथ उठे थे और सदायें बुलन्द हो रही थीं कि ख्वाजा ख्वाजा कहते हैं हिन्दुस्तान में रहते हैं।
इससे पूर्व दर्जनों उलमाऐ किराम ने खिताब करते हुए कहा कि हम लोग पुरजोर मुतालबा करते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री पूरे हिन्दुस्तान में ख्वाजा गरीब नवाज रह0 के उर्स के मौके पर 6 रजब की छुट्टी का ऐलान करें। वाजेह हो कि आॅल इण्डिया गरीब नवाज कौन्सिल के मेम्बरान पूरे मुल्क में फैले हुये हैं। उस वक्त तक चुप नही बैंठेंगे और तहरीक जारी रहेगी, जब तक पूरे देश में छुटटी का ऐलान न कर दिया जाये। मौलाना अशरफी ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज रह0 का दरबार ऐसा दरबार है कि जहां सलातीने मुगलिया से लेकर अमरीकी सदर ओबामा तक सैकड़ों हुक्मरानों ने हाजिरी दी और चादर पेश करके अपनी कामयाबी के लिये दुआ मांगी है। इसीलिए पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे लीडर ने कहा था कि दुनिया के मुख्तलिफ हिस्सों से ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की हिफाजत और अहमियत से मुताल्लिक हजारों खत प्राप्त हुये हैं। इसके मद्देनजर मै पूरी जिम्मेदारी के साथ ये ऐलान करता हूं कि इस मुकद्दस दरगाह की हिफाजत हर कीमत पर की जायेगी और उसके तकद्दुस व एहतराम पर आंच आने नहीं दी जायेगी। ये बरकत का मरकज है अमन का आस्ताना है।
ख्वाजा साहब आलमे इस्लाम ही नहीं बल्कि तमाम दुनिया के लिये चिरागे हिदायत हैं। मौलाना अशरफी ने कहा कि आज भी ख्वाजा गरीब नवाज का आस्ताना हिन्दू, मुस्लिम सिख ईसाई की मोहब्बत व अकीदत का मरकज है। लिहाजा ख्वाजा गरीब नवाज के पैगामे इन्सानियत मानवता को आम करने की जरूरत है और पूरे हिन्दुस्तान में ख्वाजा साहब के पैगामे मसावात अपने आप में एक मिसाल है। जिन बेसहारा मजबूरों, मोहताजों का न कोई घर है कि कोई वालिये वारिस है ऐसे लोगों पर कितने मेहरबान हैं ख्वाजा साहब। अपने दरबार में सुबह व शाम उनको लंगर खिला रहे हैं। मखलूके खुदा पलती है लंगर से तुम्हारे, हम से तो एक बच्चा भी पाला नहीं जाता। इस दौरान नारे तकबीर अल्लाहो अकबर, नारे रिसालत या रसूल अल्लाह, ख्वाजा का हिन्दुस्तान के नारे बुलन्द होते रहे।
इस मौके पर आॅल इण्डिया गरीब नवाज कौन्सिल ने उर्से गरीब नवाज के मौके पर अवाम से अपील की ह ै कि इल्म हासिल करो। इल्म रोशनी है, जिहालत अंधेरा है। इल्म की दौलत खर्च करने से खत्म नही होती बल्कि बढ़ती है। इल्म हासिल करो ये तुम्हारी हिफाजत करेगा। इल्म इतना हासिल करो कि मुल्क की जरूरत बन जाओ।
इससे पूर्व जश्न का आगाज तिलावते कलाम पाक से कारी मोहम्मद आजाद अशरफी ने किया और संचालन की जिम्मेदारी को हाफिज नियाज अशरफी ने बखूबी निभाया। इसके बाद शोराए कराम ने बारगाहे गरीब नवाज में मनकबत पेश फरमाया। कुल शरीफ का एहतमाम निहायत ही तुज्क व एहतेशाम के साथ हुआ। उसके बाद आम तौर से लोगों को बैठाकर लंगर खिलाया गया।और बेवाओं व बेसाहारा ख्वातीन को सिलाई मशीन तकसीम की गयी।
इस मौके पर प्रमुख रूप से आॅल इण्डिया गरीब नवाज कौन्सिल के मीडिया प्रभारी मो0 शाह आजम बरकाती, मौलाना मोईनुद्दीन अशरफी, मौलाना अब्दुल रज्जाक, मो0 शब्बीर उर्फ भइया मो0 मेराज वारिस वासिफ अशरफी मुन्ना मियां, मोहम्मद सईद उर्फ गुड्डू, जुबैर वारसी शाकिर हुसैन मो0 सलीम अजमत भाई फकरूल भाई आदि लोग उपस्थित थे।