abu obaida कानपुर.प्रदेश में तीन वर्ष पूर्व सत्ता में आई अखिलेश सरकार ने जिलास्तर पर संगठन और जनता के बीच संवाद स्थापित करने के लिए जनता दरबार की जो पहल की थी वह धीरे धीरे ओचितहीन साबित होने लगी है शायद इसका कारण संगठन की ओर से जनता की शिकायतों पर संगठन द्वारा की जाने वाली फहल को नौकर शाही द्वारा पर्याप्त तवज्जोह न देना माना जा रहा है .ऐसा नहीं की यह अभियान सिर्फ कानपुर में चल रहा हो लेकिन इस अभियान की हकीकत जो महानगर में देखने को मिल रही है उसने मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर पानी फेरने के अलावा शायद कुछ नहीं किया है .आज भी समाजवादी पार्टी के मगर व ग्रामीण कार्यालय में जनता दरबार लगा कुर्सियां सजी पदाधिकारी ए और आपस में गुफ्तुगू करते हुए पूरा दिन बिता दिया लेकिन फर्यादी एक भी नहीं पहुंचा .यहाँ तक की ग्रामीण अध्यक्ष खुद भी नदारद रहे .कारण पूछने पर सपा से जुड़े ज़िम्मेदार नेताओं ने दबी जुबान से बताया की अधिकारी जब संगठन की बातों को गंभीरता से नहीं लेते तो आखिर फर्यादी उनके जनता दरबार में आकर अपना समय क्यूँ बर्बाद करे?