राजेश मिश्रा /काठमांडू/ नेपाल में हुए संविधान संशोधन के बाद भारत सीमा से सटे मधेशियों का आन्दोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है /ओ पी शर्मा कोली के प्रधान मंत्री पद पर शपथ ग्रहण के बाद हालांकि भारत सरकार विदेश मंत्रालय ने नव निर्वाचित प्रधानमंत्री कोली को बधाई देने के साथ मधेशियों के आन्दोलन की तरफ भी उनका ध्यान आकर्षित कराया था /मधेशियों के आन्दोलन के चलते भारत से जाने वाली खाद्य सामग्री व ईंधन न पहुच पाने के चलते नेपाल की स्थिति काफी डांवाडोल होने लगी थी शायद यही कारण है की चीन ने नेपाल के लिए अपने दरवाज़े खोल कर भारत सरकार के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है /पिछले दिनों नेपाल में आये भूकम्प के बाद चीन की सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से चीन ने इस रास्ते को बंद कर दिया था / बीजिंग से मिले सरकारी हवाले के अनुसार नेपाल सीमा का यह द्वार खोल दिए जाने से चीन को व्यापार के लिए एक नया बाज़ार मिले गा और नेपाल के लोग आवश्यक वस्तुओं से वंचित भी नहीं रह पायें गे ,वहीँ मधेशियों ने दुर्दा पूजा ,दशहरा व दीपावली जैसे हिन्दुओं के अहम त्युहारों को देखते हुए अपने आन्दोलन पर विराम लगाने की घोषणा करते हुए कहा है की वह त्यिहरों के दौरान किसी भी तरह का हिंसक आन्दोलन नहीं करें गे अब यह नेपाल के नए प्रधान मंत्री की नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है की वह मधेशी ,थारू व अल्प संख्यकों की वर्तमान समस्याओं का जो नए संविधान के बाद उभर कर आयीं हैं उन्हें दूर करने की दिशा में काम करे /विदित हो की नेपाल में संवधन संशोधन के बाद मधेशियों के आन्दोलन में अबतक ६० से लोग अपनी जाने गंवा चुके हैं /मधेशियों का यह भी कहना है की वह सीमा को कतई खुलने नहीं दें गे /