05-07-2013 कानपुर / कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के स्टूडेंट शुभम तुलस्यानी को जैसे ही प्रेसिडेंट गोल्ड और डायरेक्टर गोल्ड मेडल से भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने नवाज़ा लोगो से भरा से खचाखच सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा! मौका था आई आई टी कानपुर के पैतालिस्वे दीक्षांत समारोह का जिसमे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बतौर मुख्य अतिथि यू जी, पी जी, और रिसर्च के छात्रों को डिग्री और उपाधि आये थे! इस अवसर पर राज्यपाल श्री बी एल जोशी व राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन मौजूद थे!
भारत के नामवर वैज्ञानिको और प्रतिभावान छात्रों की मौजूदगी में राष्ट्रपति ने आई आई टी कानपुर के छात्रों को मैडल के साथ डिग्रीया प्रदान की! राष्ट्रपति के हाथो से मैडल और डिग्रीया पा कर छात्र ख़ुशी से झूम उठे! भारत के प्रथम नागरिक के हाथो मैडल और डिग्रीया पाने वाले छात्रों के साथ साथ उनके अभीभावक भी ख़ुशी से फूले नहीं समां रहे थे! उनका कहना था की मानो ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सपना साकार हो गया हो! उनके बच्चे भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पहला कदम बढ़ा चुके है! उनके लिए ये गर्व के पल है जिसे वो ज़िन्दगी भर आँखों में संजोय रखना चाहेंगे!
राष्ट्रपति ने भावी वैज्ञानिकों का हौसला भी बढाया और आई आई टी के विभिन्न क्षेत्रों में किये गए कार्यों की सराहना भी की ! श्री मुखर्जी ने रेलवे सुरक्षा और अन्तरिक्ष ,सौर ऊर्जा ,पुरातत्व और नैनों टेक्नालाजी के क्षेत्र में आई आई टी कानपुर के शोध कार्यों की सराहना की ! महा कुम्भ के आयोजन में विज्ञानिकों की भागीदारी को राष्ट्रपति ने उनका सामाजिक उत्तरदायित्व बताया और कहा की वैज्ञानिक पेशेवराना अंदाज में सामाजिक दायित्व का निर्वाह करना बखूबी जानते है ! राष्ट्रपति ने कहा की भारतीय वैज्ञानिकों का चरित्र पूरे विश्व में अलग है लेकिन वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर खरा उतरने के लिए उन्होंने पेशेवराना अंदाज में जूझना होगा ! इस बारे में वे नारायांमूर्ती सहित कुछ आई आई टी के ऐलुमिनिज़ के नाम लेना भी नहीं भूले !