abu obaida 98380 33331 कानपुर/ दादा मियाँ के लक़ब से मशहूर हजरत शाह गुलाम रसूल रसूल नुमा का उर्स ए मबारक बेकनगंज स्थित हज़रात दादा मियाँ की दरगाह में बड़े ही अकीदत ओ एहतराम के साथ सम्पन्न हुआ / फजिर की नमाज़ के बाद कुरान खानी का सिलसिला शुरू हुआ जो ११ बजे कुल शरीफ के साथ समाप्त हुआ /कुल शरीफ के बाद दादा मिया दरगाह और मस्जिद में दुआ का सिलसिला शुरू हुआ/ इस मौके पर सज्जादा नशीन सैयद अबुल हसनात हक्की ने देश और दुनिया में अमन चैन की दुआएं मांगी/ख़ास तौर पर दादरी मामले का ज़िक्र दुआ में करते हुए कहा गया की अल्लाह ऐसे जालिमों से सब की हिफाज़त फरमा/ उर्स में भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने परेड यतीम खाना से दादा मियाँ चौउराहे की तरफ आने वाले ट्राफिक को तलाक महल और लकड़ मंडी की ओर दाय्वेर कर दिया था / दुआ से पहले दादा मियाँ दरगाह के सज्जादा नशीं प्रोफ़ेसर सैयद अबुल हसनात ने दादा मियाँ की जीवनी पर बोलते हुए कहा की आज से तकरीबन दो सौ साल पहले दादा मिया अरब की सरज़मीन से भारत आये थे और कानपुर के बेकन गंज में रह कर अल्लाह के बन्दों की खिदमत और दीं का प्रचार शुरू किया /इस बीच दादा मियाँ चौराहे पर एक मस्जिद का निर्माण कराया जिसे आज लोग दादा मिया मस्जिद के नाम से जानते हैं /प्रोफेसर साहब ने आगे बताया की आज़ादी की जंग में हज़रात दादा मिया रहमतुल्लाह अलेह ने अहम रोल अदा किया और उस दौरान कई क्रांति कारी उनके पास आते थे /आगे कहा की वो मलिका विक्टोरिया का दौर था जिसके सिपाहियों से हजरत की अक्सर झडपें होती थीं और उन्हे दादा मियाँ की ओर से कई बार मुंह की खानी पड़ी थी यह भी कहा की दादा मियाँ कभी अंग्रेजी सिपाहियों से नहीं डरे/ यहाँ तक की एक समय आया जब सिपाहियों का काफिला मस्जिद के आगे से गुज़रता था तो घोड़े से उतर कर पैदल गुज़रता था /
उर्स के बाद हमेशा की तरह दादा मियाँ के एतिहासिक घर से तबर्रुक तकसीम किया गया /उर्स में शरीक होने के लिए देश के कोने कोने से अकीदत मंद पहुंचे जिन्हों ने मज़ार पर फातेहा पढ़ी/ मज़ार पर हाजरी देने वाले जायरीनों के लिए रेडीमेड बाज़ार ,अंसार नगर दादा मियाँ चौराहा और बेकन गंज सहित कई इलाकों के लोगों ने बिरयानी ,मिठाई और पानी का लंगर तकसीम किया /बता दें की दुआ के समय दादा मियाँ की मस्जिद से यतीम खाना ,रेडीमेड बाज़ार और मछली तिराहे तक लोगों का हुजूम मौजूद था /एक अंदाज़े के मुताबिक़ तकरीबन दी लाख लोगों ने कल रत से आज तक मज़ार पर हाजिरी दी/ उर्स के बाद ट्राफिक को संभलने में तकरीबन दो घंटे लगे/
इस से पहले कल रात नातिया मुशायरा हुआ जिसमे शहर व देश के कई हिस्सों से आये शायरों ने अपना नातिया कलाम पेश किया /उर्स को सम्पन्न करने में खानकाह के नायब सज्जादा नशीं सैयद अबुल बरकात नजमी ,खादिम सैयद एहसान जैदी , शाह मोहम्मद अकबर जैदी ,अरशद जैदी ,नजम जैदी ,सैयद मोहम्मद आरिफ ,साद ,सैयेद फज़ल महमूद आदि प्रमुख रहे