कानपुर- snn दीपावली की दस्तक के साथ ही शहर की बाजारों में नकली खोेये ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। बावजूद इसके लोग जमकर खोये की खरीददारी करने को मजबूर है। जिसका कारण कि त्योहार के मौके पर मिठाई का होना आवश्यक माना जाता है। होली हो या दीवाली त्योहारों में नकली खोया तो बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध ही रहता है। और जाने अंजाने लोग इसकी खरीददारी के लिए लोग मजबूर भी होते है। मिलावटी खोया बेचने वालों के खिलाफ प्रशासन की ओर से अभियान भी चलाए जाते है लेकिन यह अभियान सिर्फ एकांकी नाटक बन कर रह जाते है। और प्रशासन इक्का दुक्का दुकानों के स्मैप्ल एक्रत्र करते है। और उसे लैब भेजकर अपने कत्र्वय की इतिश्री पूरी कर लेते है। इस त्योहार में सबसे खास बात यह है कि इस बार बाजार में गुजरात की एक जानी मानी खोया कम्पनी ने बाजार में अपनी पूरी तरह पैठ बना चुकी है और इसके खोये की बिक्री का सीधा असर यहां की स्थानीय बाजारों पर पड़ रहा है। कुंदा खोवा के नाम से अपनी पहचान रखने वाला यह खोया इनदिनों स्थानीय खरीददारों का खासा आक्रर्षित कर रहा है। इसका सबसे बड़ा कराण यह भी माना जा रहा है कि यह कम्पनी आईएसओ का प्रमाणपत्र प्राप्त कर चुकी है। जिसे गुणवत्ता का मूलप्रमाण पत्र माना जाता है। हालांकि त्योहारी सीजन में खोये की बिक्री सामान्य दिनों की अपेक्षा दोगुने मूल्य पर होती है। बावजूद इसके इन्हें खरीदना ग्राहकों की मजबूरी होती है।