कानपुर। ख्वाजा गरीब नवाज़ के ८४८वे उर्स मुबारक पर हुज़ूर सरकार गरीब नवाज़ एकेडमी ने बेकन गंज बाज़ार में एक विशाल जलसे का आयोजन किया। जलसे में शरीक होने के लिए कालपी शरीफ से खानकाहे मोहम्मदिया के सज्जादा नशीन मौलाना सैयद ग्यासुद्दीन विशेष रूप से पहुंचे। इस अवसर पर मौलाना ने अपनी तक़रीर में कहा कि ईरान के संजर शहर से ८४८ साल पहले भारत पहुंचे ख्वाजा अजमेरी रहमतुल्लाह अलेह ने ४५ साल तक अजमेर में रहकर इंसानियत के लिए काम किया। जिस समय ख्वाजा साहब भारत आये थे तब यहाँ हर तरफ नफरत छुआछूत व अराजकता का माहौल था जिसे उन्हों ने अपनी कोशिशों से ऐसे भाईचारे और मोहबत में बदला कि आज वह स्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्यार और भाईचारे का केंद्र बन गया है । मौलाना ने कहा कि अजमेर में उनकी दरगाह पर सारी दुनिया से लोग पहुँचते हैं जिनमे सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं यहाँ तक कि हुन्दुस्तान आने वाले अधिकतर राष्ट्राध्यक्ष व नेता उनके दरबार में हाज़िरी लगाते हैं। मौलाना मुज़फ्फर हुसैन ने कहा कि हज़रत मोहम्मद साहब की तालीमात को ख्वाजा साहब ने बड़ी खूबसूरती से लोगों के सामने रखा और लोगों के दिलों में खिदमत का जज़्बा पैदा किया यही कारण है की देश और दुनिया भर के लोग साल भर उनके आस्ताने पर चादरपोशी करने पहुँचते हैं लेकिन इस्लामी माह रजब की ६ तारीख को होने वाले उर्स में देश और दुनिया के लाखों लोग एकसाथ शरीक होते हैं जिसके लिए हुकूमत को विशेष प्रबंध करने पड़ते हैं। कहा कि अजमेर से मिलने वाल तबर्रुक भारत बांग्लादेश पकिस्तान सहित सऊदी अरेबिया व अन्य देशों तक जाता है। मुफ्ती ए आज़म कानपुर मौलाना शहबाज़ अनवर ने कहा कि ख्वाजा साहब शहंशाहे हिन्दुस्तान है और उनके नक़्शे क़दम पर चलने वाले कभी गलत राह नहीं अख्तियार कर सकते। मुफ़्ती साहब ने कहा कि जिसने भी ख्वाजा के बारे में ठीक से जानकारी लेली वह कभी किसी से नफरत नहीं कर सकता।
जलसे के बाद हुज़ूर सरकार ग़रीबनवाज़ एकेडमी की ओर से गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन बांटी गईं। इस अवसर पर विशाल लंगर का आयोजन किया गया। संस्था की और से अध्यक्ष ऐजाज़ अहमद व आफ्रीन खान ने बताया कि बेकनगंज बाज़ार की और से पिछले दस सालों से इस जलसे का आयोजन किया जारहा है जिसमे हज़ारों की तादाद में ख्वाजा के मतवाले शिरकत करते हैं।