abu obaida 98380 33331 कानपुर/ चकेरी थाना क्षेत्र के कृष्णा नगर स्थित शिक्षा के मन्दिर में ११वी की क्षात्रा की आबरू वहीँ पर काम करने वाले चपरासियों ने लूट कर mms भी बना लिया / घटना के वक़्त कालेज परिसर स्थित घर में छात्रा के माता पिता मौजूद नहीं थे सिर्फ बूढी दादी ही उसकी रखवाली के लिए मौजूद थी /इसी दौरान कालेज में काम करने वाले चपरासी राजेश कुमार व क्रष्ण कुमार छात्रा के घर पहुचे और दादी को बहाने से स्कूल के बाहर भेज दिया और अकेली छात्रा को असलहों के बल पर बंधक बना कर बारी बारी से बलात्कार किया/घटना के बाद दादी के वापस आने पर छात्र ने दादी को आपबीती सुनाई तो उसके पैरों तले ज़मीन खसक गयी और उसने छात्रा के माता पिता को तत्काल सूचना दी /सूचना पर घर पहुंचे माता पिता बेटी का हश्र देख उसे चकेरी थाने ले गए जिस पर मां की तहरीर के आधार पर चकेरी पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को स्कूल परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया /पुलिस ने छात्रा का मेडिकल करने के लिए उर्सला अस्पताल भेजा जहाँ चिकित्सकों की रिपोर्ट में भी बलात्कार की पुष्टि हो गयी है /कल देर रात हुए इस शर्मनाक घटना की जानकारी जैसे ही कालेज में पढने वाली अन्य छात्राओं को आज हुई तो सभी ने क्लास रूम से बाहर आकर कालेज परिसर में जम कर हंगामा करते हुए इस बात का खुलासा किया की दोनों चपरासी अक्सर छात्राओं को बदनीयती के साथ घूरते थे जिस की मौखिक शिकायत कई बार प्रधानाचार्य व प्रबंधकों से की गयी लेकिन उन्हों ने छात्राओं की इस बात को नज़र अंदाज़ कर दिया जिस के चलते उनके हौसले इतने बढ़ गए की कालेज परिसर में रहने वाली हाई स्कूल में टापर रही छात्रा को ही अपनी हवास का शिकार बना डाला /कृष्णा नगर स्थित जमुना देवी विद्यालय परिसर में हुई इस घटना को लेकर सिर्फ छात्राओं ही नहीं बल्कि उनके अभिभावकों को भी इस बात के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है की जब शिक्षा के मन्दिर में ही बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं तो फिर ऐसे में बालिकाओं को शिक्षा दिलाने के लिए आखिर कहाँ ले जाएँ /बदनसीब लड़की के साथ हुई इस घटना से लोग खासे विचलित हो उठे हैं और तरह तरह की प्रतिक्रया भी अपने शब्दों में व्यक्त कर रहे हैं ,दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व महामंत्री करिश्मा ठाकुर ने इस घटना पर गहरा अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा की सरकार को ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए की बालिकाओं के स्कूल कालेजों में किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी पुरुषों को न सौंपी जाये/