सीतापुर- लखनऊ ईदगाह के इमाम मुस्लिम धर्म गुरू खालिद रसीद फिरंगी महली ने आज जनपद में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि साहित्यकारों का एवार्ड लौटाना जायज है। कानून के दायरे में रहकर हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का हक है। उन्होंने कहा कि सहिष्णुता व असहिष्णुता के मुददे पर जो बहस देश में चल रही है इस पर बुद्धिजीवियों को अपनी चुप्पी तोड़ना समय की मांग है और मै कोई इनका समर्थन करने वाला पहला व्यक्ति नहीं हू और भी लोग खुलकर सामने आए है और लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी का हक है। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू की भांजी डाक्टर नयन तारा सहगल से शुरू हुआ एवार्ड वापसी का सिलसिला बजाए घटने के बढ़ता ही जा रहा है। यह सरकार के लिए भी चिन्तनीय है। सरकार को सामाज में फैले इस भ्रम को दूर करने के लिए पहल करनी होगी।