कानपुर। होली का त्यौहार नज़दीक आते ही एफडीए की टीमें तेल की फैक्ट्रियों और बाज़ारों में खाद्य पदार्थों के नमूने लेने में जुट गयी हैं। मंगलवार सुबह से ही खाद्य विभाग की अलग अलग टीमों ने कानपुर की विभिन्न बाज़ारों में जाकर सैकड़ों दुकानों में रखे खाद्य पदार्थों को जांचा और शक होने पर नमूने लिए। खाद्य विभाग अधिकारी वीरेंदर कुशवाहा नेतृत्व में दादा नगर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित एमएन इंटरप्राइसेस नाम से तिल का तेल निकालने वाली कंपनी में छापा मारा।यहां तैयार तेल के ड्रमों में गन्दगी देख अधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सात हज़ार लीटर तिल का तेल सीज़ कर नमूना जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया।होली दीवाली जैसे बड़े त्योहारों में दिनरात आयल फैक्ट्रियों में तेल का उत्पादन होता है जिसकी जांच समय समय पर एफडीए की टीम द्वारा की जाती है नमूने भी लिए जाते हैं मगर हैरतअंगेज़ तौर पर कोई भी सैम्पल फेल नहीं होता और कारखाना मालिक करोड़ों के वारे न्यारे करते हैं। वजह साफ़ है कि मिलावट के इस दौर में रिश्वतखोरी खाद्य पदार्थों के नमूनों को कभी फेल नहीं होने देती। नतीजे में दूषित खाद्य सामग्री बाज़ार में आकर लोगों की जान तक ले लेती है।
एक अन्य टीम ने मेजर सलमान खान बस अड्डे के बाहर खोये से लदे रिक्शे को रोका तो खोया लेकर जारहा आदमी कूद कर फरार होगया। टीम ने जब मौके पर जांच की तो पूरा दो क्विंटल खोया नकली साबित हुआ। खाद्य विभाग की टीम ने खोये को ज़ब्त कर बाबू पुरवा कोतवाली के सुपुर्द कर दिया।बतादें कि होली के त्यौहार में खोये और खाद्य तेलों की ज़बरदस्त मांग होती है जिसमे ९० प्रतिशत खोया नक़ली बिकता है वहीँ सरसों तिल व पाम आयल की खपत भी ज़बरदस्त होती है।