सहारनपुर। देवबंद/ हाजी अली दरगाह मुम्बई के ट्रस्टियों द्वारा मुम्बई हाई कोर्ट में दरगाहों पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने सम्बधी याचिका को जायज ठहराते हुए देवबंदी उलमा का कहना है कि इस्लाम में औरतों का कब्रिस्तान व दरगाहों जाना कतई जायज नहीं है लिहाजा महिलाओं को कब्रिस्तान व दरगाहों पर जाने से बचना चाहिए। हाजी अली दरगाह के ट्रस्टियों ने महिलाओं को दरगाह में न जाने देने का फैसला लिया है। इस सम्बन्ध में मुम्बई हाईकोर्ट ने एक याचिका भी दाखिल की गई है। ट्रस्टियों की ओर से हाईकोर्ट मंे दाखिल किये गए पत्र में कहा गया कि इस्लाम में किसी पुरूष संत की मजार पर जाना महिलाओं के लिए वर्जित है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 नवम्बर मुकरर्र की गई है। याचिका के सम्बन्ध में दारूल उलूम के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती मोहम्मद आरिफ कासमी ने शरीयत की रौशनी में बताया कि इस्लाम में महिलाओं का कब्रिस्तान जाना मना हैै। हजरत मोहम्मद साहब ने औरतों को कब्रिस्तान जाने से भी मना करने का फरमान किया था। औरतों के लिए हुक्म है कि वह अपने घरों में ही नमाज अदा करे।