ABU OBAIDA बीती १८ मई को अपनी दूसरी पत्नी का अपहरण कर १९ मई को कौशांबी ज़िले में बेदर्दी से हत्या करने वाले दारोग़ा ज्ञानेन्द्र ने आज कानपुर कोर्ट में पुलिस को धता बताए हुए आत्मसमर्पण कर दिया।फरार आरोपी दारोग़ा की तलाश में जुटी कानपुर पुलिस कोर्ट में सरेंडर से पहले उसे गिरफ्तार करने से चूक गयी।सफ़ेद चमचमाती डस्टर कार से दारोग़ा ज्ञानेन्द्र चुप चाप उतरा और एक अदालत में जज के सामने पहुंच गया।इसी बीच कानपुर कोर्ट के वकीलों को ज्ञानेन्द्र के आत्मसमर्पण की जानकारी हुई तो उसे अदालत में जम कर लात घूंसों से मारा ,वकीलों की मार से बेदम आरोपी दारोग़ा को पुलिस ने बमुश्किल बचाया और अपनी सुरक्षा घेरे में लिया।
आप को बता दें जिला कानपुर देहात के मूसा नगर कोतवाली में दारोग़ा के पद पर तैनात ज्ञानेन्द्र अपनी दूसरी पत्नी ईशा को १८ मई की शाम उसके काकादेव स्थित मकान से कुष्मांडा देवी के दर्शन के बहाने अपने साथ ले गया था उसी दिन मृतका ईशा की माँ विनीता ने दारोग़ा के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी दुसरे दिन यानी १९ मई को जिला कौशाम्बी के महेवा घाट इलाके में ईशा की सर कटी लाश मिली थी ,इस अपहरण और सनसनी खेज़ हत्या काण्ड में ज्ञानेन्द्र के दोस्त मनीष उसकी प्रेमिका औ दो अन्य लोग शामिल थे जो पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं और जेल में है।मनीष और उसकी प्रेमिका व दो अन्य साथियों ने पुलिस को बताया था की ईशा की हत्या चलती कार में गला काट कर कर दी गई थी और सर को धड़ से अलग कर धड़ कौशाम्बी के महेवा घाट नाले में फेेंक दिया था सर को बांदा ज़िले की तरफ कहीं ज़मीन में गाड़ दिया था जो अभी तक बरामद नहीं हुआ है। कानपुर पुलिस को अफ़सोस है की क़त्ल के मुलजिम को पकड़ कर अपने तरीके से पूछ ताछ नहीं कर सकी अब उसे अदालत से रिमांड लेनी है जिसके बाद क़त्ल का औज़ार और ईशा का कटा हुआ सर बरामद करना है।नीचे तस्वीरों में दारोग़ा की वो तस्वीरें हैं जो अदालत में हाज़िर होने के बाद ली गईं।



क्यों मारा ईशा को?
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हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग का मामला है जिसमे पहले से शादी शुदा दारोग़ा ज्ञानेन्द्र ने ईशा को बहला फुसला कर शादी कर ली थी जिस से एक बेटी भी है ,ईशा पर जब राज़ खुला की उसका पति पहले से शादी शुदा है तो झगड़ा शुरू हुआ मगर कुछ लोगों ने समझौता करा कर मामले को रफा दफा कर दिया मगर फिर भी झगड़े जारी रहे तो ज्ञानेन्द्र ने अपनी पत्नी को इस तरह रास्ते से हटा कर काँटा निकालने की कोशिश की।