कानपुर। चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन में भक्तों ने मां की पूजा अर्चना के बाद घरों में रखे कलश को हटाकर मां के नाम से कन्याओं को भोजन कराया। कन्याओं को भोजन कराने क बाद प्रसाद ग्रहण कर नवरात्र का व्रत तोड़ा। आज से चैत्र नवरात्रि समाप्त हुआ है। जिसके चलते सुबह से ही मन्दिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली है, तो वहीं मां से मांगी गयी मिन्नत पूरी होने के बाद उनके श्रद्धालुओं ने ज्वारा निकाला जो शहर के विभिन्न मन्दिरों में जाकर खत्म हुआ है।
चैत्र नवरात्रि के अष्टमी व नवमी होने के चलते घरों में श्रृद्धालुओं ने कन्या भोज रखा। सुबह होते ही महिलाओं व पुरुषों ने निकटतम मन्दिरों में जाकर माता की पूजा-अर्चना की। इसके बाद घर पहंुचकर महिलाओं ने मां के नाम से रखा कलश को हटाया। जिसके बाद घरों में हलवा पूरी अपने यथा संभव के हिसाब से पकवान बनाने के बाद मां के नाम से कन्याभोज कराया। मान्यता है कि नवरात्रि के सप्तमी अष्टमी व नवमी के दिन कन्या भोज कराने के बाद नवरात्रि का दिन समाप्त हो जाता है। नवमी के दिन सभी ने कन्याओं को भोजन कराने के बाद उसी प्रसाद को ग्रहण कर नौ दिन का रखा हुआ व्रत तोड़ा। जबकि मां से मांगी गयी मिन्नतों को पूरी होने के बाद उनके भक्तों ने ज्वारा भी निकाला। यह ज्वारा शाम चार बजे से रात्रि नौ बजे तक घरों से निकल कर अपने कूल देवी के मन्दिर में जाकर समाप्त हो जाता है।
सुबह से लगी रही मन्दिरों में भीड़
चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन होने के चलते शहर के साथ गांव क्षेत्र के लोग भी मां के दर्शन पाने के लिए तपेश्वरी, बारादेवी, कुष्मांडा देवी, नारामऊ के वैष्णोदवी, जंगली देवी, बुद्धा देवी, वैभव लक्ष्मी मन्दिरों में सुबह चार बजे से ही भक्तों को भीड़ लग गयी। मन्दिर के पुजारियों ने मां की मंगल आरती के बाद भक्तों के दर्शन करने के लिए मन्दिर का पट्ट खोल दिया गया।