SNN घोटाला चाहे किसी भी सरकार व पार्टी के द्वारा किया गया हो बसपा सुप्रीमो मायावती के सामने जब भी घोटाले की बात आई उन्हों ने हमेशा सीबाआई से जाँच कराने की मांग समय समय पर की है लेकिन जब खुद पर NRHM के अंतर्गत हुए पाच हज़ार करोड़ के घोटाले की जांच का मामला खुद पर आया तो सीबीआई उन्हें पिंजरे का तोता कैसे नज़र आने लगी यह बात राजनीती के गलियारे में आज चर्चा का विषय बनी रही /यहाँ तक की कल खुद मायावती ने सीबीआई जाँच को अपने खिलाफ एक साजिश का हिस्सा बताते हुए भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए चेतावनी दी की अगर जबरन सीबीई ने उन्हें निशाने पर लेने की कोशिश की तो भाजपा की यह पहल मोदी सरकार के लिए खतरे की घंटी बन सकती है/ उत्तरप्रदेश के ७२ जनपदों में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत खरेदी गयी दवाइयों के नाम पर किस तरह पैसों की बंदर बाँट हुई उसका सब से बड़ा प्रमाण यह है की एक हज़ार ८५ करोड़ रूपये बसपा शासन में बिना किसी हस्ताक्षर के दवा कंपनियों को दे डाले गए/यहाँ यह भी बताना ज़रीरी है की डेढ़ रूपये की दावा १८ रूपये के दम पर खरेदी गयी/इस मामले में फिलहाल पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ,आई इ एस प्रदीप शुक्ला सहित अनेक दावा कंपनियों के मालिक वर्तमान समय में ग़ाज़ियाबाद की डासना जेल की शोभा बढ़ा रहे हैं / बसपा सुप्रीमो मायावती के मुख्मन्त्रित्व काल में एक के बाद एक तीन मुख्य चिकित्साधिकारियों व एक डिप्टी सी एम् ओ की हत्याओं के बाद इस मामले का खुलासा हुआ और जांच में यह सभी लोग दोषी पाए गए /अब तक सी बी आई की हुई जाँच में कहीं न कहीं खुद मायावती की संलिप्तता भी पाई गयी तो जाँच एजेंसी का उनसे पूछ ताछ करना उसका नैतिक कर्तव्य बनता है और अगर मायावती इस मामले में खुद का दामन पाक साफ़ बताने की कोशिश कर रही हैं तो आखिर सी बी आई की जांच की ज़द में आने से क्यूँ बुरी तरह भयभीत होकर सीबीआई को पिंजरे का तोता बताते हुए उसपर केंद्र सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगा रही हैं /