ABU OBAIDA कानपुर। जेएनएनयूआरएम के तहत ८५० करोड़ की लागत से डाली गयी सीवर व पेयजल लाइनों में की गयी जम कर लूटपाट की जांच सीबीआई से कराने की मांग का प्रस्ताव नगर निगम उपसभा पति हाजी सुहैल अहमद आगामी २३ अप्रैल को होने वाली कार्यकारिणी की मीटिंग में रखें गे। उपसभापति हाजी सुहैल ने बताया कि शहर में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए बिछाई गयी पाइपलाइनों में मानकों की भरपूर अनदेखी की गयी। ज़्यादातर जगहों पर पाइप डालने के लिए ठीक से बेस तैयार नहीं किया गया और हज़ारों टूटे हुए पाइप ज़मीन में डाल कर कंस्ट्रक्शन कंपनी और ठेकेदारों ने भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से अपनी तिजोरियां भर लीं। यही कारण है कि योजना पूरी होने पर जब भी पानी की सप्लाई टेस्ट की जाती है तो प्रेशर से टूटे हुए पाइप से पानी सड़क फाड़ कर बाहर आजाता है जिस से पूरा इलाक़ा झील में तब्दील होकर करोड़ों की लागत से बनी सड़क को बर्बाद करदेता है। जनता को कष्ट उठाना पड़ता है और सरकार को सड़क खोद कर नया पाइप डाल कर दोबारा सड़क बनानी पड़ती है। योजना पूरी होने के बाद जनता खुश थी कि अब उसके घर से सूखा समाप्त होजाये गा लेकिन जनता की उम्मीदें आये दिन पानी की लाइन टूटने से निराशा में तब्दील हो जाती हैं। हाल ही में सब से व्यस्त चौराहे पर एक धमाके से पानी की लाइम टूटी थी जिस से पूरा इलाक़ा जलमग्न होगया था और लोगों को कई दिन परेशानी झेलनी पड़ी थी। सुहैल ने बताया कि पूरे शहर में कई सौ किलोमीटर में बिछाई गयी इन लाइनों में तीन लाख जॉइंट हैं जिनमे ९ हज़ार जोड़ लीक होने की बात कंस्ट्रक्शन कम्पनी खुद स्वीकार करती है। यानि एक साथ समस्त शहर में पूरे प्रेशर से पानी छोड़ा गया तो ९ हज़ार जगह से पानी सड़क फाड़ कर बाहर आजायेगा और करोड़ों लीटर पानी के साथ हज़ारों करोड़ की लागत से बनी सड़कें पानी में बर्बाद होजाएगी। कहा कि जब इस योजना पर काम चल रहा था तब रोज़ अखबारों में टूटे पाइप डाले जानी की खबरें और तस्वीरें छपती थीं लेकिन भ्रष्टाचार की पट्टी आँखों पर बांधे अधिकारी इसको इग्नोर करते रहे अब जब जनता को पानी देने का समय आया तो जगह जगह लीकेज के मामले सामने आने से लोगों को भीषण गर्मी में प्यासा ही रहना पड़ रहा है।७० लाख से अधिक आबादी वाले कानपुर शहर में आधी से ज़्यादा जनता बूँद बूँद पानी को तरस रही है ।लोग एक बाल्टी पानी के लिए दिन भर लाइन लगाते हैं। दक्षिण कानपुर में हाल इतना बुरा है कि वहां कई महीनों से लाखों की आबादी को सरकारी सप्लाई द्वारा पानी नहीं मिल रहा नतीजे में रोज़ आंदोलन हो रहे हैं और लोग जल निगम दफ्तर का घेराव व कर्मियों को बंधक तक बना रहे है वहीँ इस योजना में करोड़ों के वारे न्यारे करने वाले अधिकारी व ठेकेदार दौलत के बल पर जश्न में डूबे हैं और उन्हें अवाम की परेशानी दिखाई नहीं दे रही।
