पटना, snn बिहार विधान सभा के चुनाव के अंतिम पायदान पर पहंुचते ही राज नैतिक दलो के बीच घमासान तेज हो गया है। , और वह एक दूसरे पर किसी भी तरह का वार करने से नहीं चूक रहे है , भले ही उनके यह बयान जनता को रास न आ रहे हो लेकिन बावजूद इसके वह अपने भाषणों के माध्यम से एक दूसरे को नीचा दिखाने में कही से बाज नहीं आ रहे है , यू तो अब चैथे चरण का चुनाव सर पर आ गया है और सभी दल अपने प्रत्याशियों की जीत को सुनिश्चित बनाने के लिए जी जान से जुट गए है , कल जहां सोनिया गांधी ने चुनाव रैली के दौरान जीएसटी मुददे को उभार कर लालू पर सीधा निशाना कसा वहीं ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी जनता के बीच इस भ्रम को दूर किया कि बिहार में राजग का मुख्यमंत्री कोई बाहरी नहीं सिर्फ बिहारी ही बनेगा , जबकि लालू यादव ने अपनी चुनावी सभाओं में सीधे भाजपा और संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अति पिछड़ा का आरक्षण समाप्त कराना चाहते है लेकिन वह इस बात को जान ले कि लालू के जिन्दा रहते आरक्षण को कोई माई का लाल खत्म नहीं कर सकता है। , जबकि नितीश कुमार ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के माडल को जनता के बीच पेश करते हुए कहा कि दिल्ली में अपनी करारी पराजय के बाद बौखलाई भारतीय जनता पार्टी अब बिहार के लोगों के बीच ऐक ऐसा मौहाल पैदा कर रही है जो यहां के साम्प्रदायिकता के लिए खतरा बन सकता है। नितीश कुुमार ने भाजपा शासित राज्यों से बिहार की तुलना करते हुए कहा कि भाजपा के लोग बिहार छोड़ उन राज्यों की चिन्ता करे यहां की जनता ने उनपर विश्वास कर प्रदेश की सत्ता की बागडोर उनके हाथों सौंपी है।