नई दिल्ली| दिल्ली की एक अदालत वर्ष 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले पर गुरुवार को फैसला सुनाएगी। मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के एकमात्र संदिग्ध आतंकवादी शहजाद अहमद पर मुकदमा चल रहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शास्त्री मामले में फैसला सुनाएंगे।
अभियोजन पक्ष ने अपनी दलील में कहा था उनके पास आरोपीअहमद के खिलाफ पर्याप्त सबूत</a> और फोन रिकार्डस हैं, जिनसे साबित होता है कि मुठभेड़ के समय आरोपी जामिया नगर स्थित बटला हाउस के फ्लैट में मौजूद था।
अहमद पर आरोप है कि वह भी फ्लैट में मौजूद उन हमलावरों में शामिल था, जिन्होंने 19 सितंबर, 2008 को पुलिस बल पर गोलीबारी की थी और जिसमें पुलिस निरीक्षक एम. सी. शर्मा की मौत हो गई थी।
वैसे अहमद के वकील का दावा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारियों और इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों के बीच कथित मुठभेड़ के दौरान अहमद फ्लैट में मौजूद नहीं था।
कहा जाता है कि 13 सितंबर, 2008 को करोल बाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश और इंडिया गेट पर हुए श्रृंखलाबद्ध धमाकों में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों का हाथ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे और 133 घायल हुए थे।
बटला हाउस मुठभेड़ में दो अन्य आरोपी मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि तीसरे आरोपी मोहम्मद सैफ ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। शहजाद अहमद और जुनैद पुलिस पर गोलीबारी करने के बाद फ्लैट की खिड़की से कूदकर भाग गए थे।
बटला हाउस एनकाउंटर तब विवादों में आया था जब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे फर्जी मुठभेड़ कहा था, लेकिन तब तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने उनकी बात को खारिज करते हुए इसे वास्तविक मुठभेड़ बताया था।