कानपुर/snn भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की १२७ वी जयंती पर आज कांग्रेस मुख्यालय तिलक हाल में में पुष्पांजली कार्यक्रम का आयोजन हुआ /नगर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस जनों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी शिक्षाओं पर चलने का संकल्प लिया /इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने कहा की मौलाना अबुल कलम आज़ाद साहब देश के नौजवानों के लिए एक मिसाल हैं क्यूंकि उन्हों ने बहुत ही कम आयु में स्वतंत्रता आन्दोलन मेंशामिल होकर कर न सिर्फ देश को अंग्रेजों से आज़ादी दिलाने में महती भूमिका निभाई बल्कि बटवारे में मुसलामानों के पाकिस्तान जाने का कड़ा विरोध भी किया जिस के चलते उन्हें काफ़िर तक कहा गया लेकिन वह इसकी परवाह किये बगैर मुसलामानों को पकिस्तान जाने से रोकने की कोशिशों में लगे रहे यही कारण है की आज देश में करोड़ों मुसलमान सड़क से लेकर सता के गलियारों तक अपनी भूमिका निभाते दिख रहे हैं /कांग्रेस महानगर अघ्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की मक्का की पवित्र ज़मीन पर पैदा हुए अबुल कलाम आज़ाद कलकत्ता में आ कर बसे और क्रांतिकारी अरविन्द घोष व श्याम सुन्दर चक्रवर्ती के सानिध्य में आज़ादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ,कहा की १९२० में महात्मा गांधी केअसहयोग आन्दोलन में शामिल हुए और फिर कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष का पद भी सम्भाला /नगर अध्यक्ष ने कहा की शिक्षाविद होने के नाते उन्हें आज़ादी के बाद शिक्षा मंत्री बनाया गया /इस अवसर पर अन्य वक्ता ने कहा की मौलाना आजाद हिन्दू मुस्लिम एकता के जनक माने जाते हैं और इस एकता को बनाये रखने के लिए वह अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहे /कार्यक्रम का संचालन शंकर दत्त मिश्रा ने किया /इस अवसर पर कृपेश त्रिपाठी ,फहद अब्बासी ,हलिमुल्लाह खान ,उमाशंकर बाजपाई ,पवन गुप्ता ,अतहर नईम ,दिनेश बाजपाई ,सुरेन्द्र नाथ तिवारी समी इकबाल आदि मौजूद थे /
