दिल्ली/बच्चों में एक दूसरे के प्रति भावात्मकता की कमी से सामाजिकता का ह्रास हो रहा है। तकनीकी विकास ने बच्चों के संवेदनशील तंतुओं पर प्रहार किया है। विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बच्चों का समाजीकरण करने की बजाय उनका डीइमोशनलाइजेशन कर रहे हैं । बाहर के परिवेश, हवा, पानी, मिट्टी, संस्कृति और समस्याओं के प्रति बच्चे असंवेदनशील हो रहे हैं ... Read More »